Aadhaar Card Update: UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने आधार कार्ड से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का उद्देश्य आधार को और अधिक सुरक्षित, अपडेटेड और प्रामाणिक बनाना है। अब जिन लोगों के पास आधार कार्ड है, उन्हें समय-समय पर उसमें जरूरी जानकारी अपडेट करनी होगी, ताकि कोई भी गलत जानकारी सरकारी डेटाबेस में दर्ज न रहे। आधार अब केवल पहचान पत्र ही नहीं बल्कि बैंकिंग, सरकारी योजनाओं, टैक्स से लेकर स्कूल एडमिशन तक हर जगह जरूरी हो चुका है। इसीलिए UIDAI की ओर से लाए गए 5 नए नियम हर नागरिक के लिए जानना और पालन करना जरूरी हो गया है।
पता अपडेट करना अब अनिवार्य
UIDAI के नए नियमों के अनुसार अब यदि कोई व्यक्ति अपना निवास स्थान बदलता है, तो उसे आधार कार्ड में भी नया पता अनिवार्य रूप से अपडेट कराना होगा। पहले यह विकल्प वैकल्पिक था, लेकिन अब इसे जरूरी बना दिया गया है ताकि व्यक्ति के सही पते के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थी तक पहुंच सके। पता अपडेट करने के लिए आधार पोर्टल या नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर प्रमाणिक दस्तावेज जैसे बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट या राशन कार्ड जमा करना होगा। इस नियम के लागू होने से फर्जी पते की शिकायतों में कमी आने की संभावना है।
10 साल पुराने आधार में अनिवार्य अपडेट
UIDAI ने यह भी घोषणा की है कि जिन लोगों ने 10 साल पहले आधार कार्ड बनवाया था, उन्हें अब उसमें अपना फोटो, पहचान और पता संबंधित जानकारी दोबारा अपडेट करानी होगी। यह अपडेट एक तरह से रिफ्रेश प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति की पहचान हमेशा अप-टू-डेट रहे। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए जरूरी है जिनका चेहरा, हस्ताक्षर या पहचान पिछले वर्षों में बदल चुका हो। यह अपडेट ऑनलाइन पोर्टल या सेवा केंद्र पर जाकर कराई जा सकती है और इसके लिए मामूली फीस ली जाती है। इस प्रक्रिया से आधार डाटाबेस को अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाया जा रहा है।
एक मोबाइल नंबर पर एक ही आधार लिंक
नए नियमों के तहत अब एक मोबाइल नंबर को केवल एक ही आधार से लिंक किया जा सकेगा। पहले कई लोग एक ही नंबर को कई आधार कार्ड्स से लिंक कर लेते थे जिससे पहचान की गड़बड़ी और OTP से जुड़ी समस्याएं आती थीं। अब UIDAI ने इस पर रोक लगा दी है और हर व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका मोबाइल नंबर केवल उसके आधार से ही जुड़ा हो। यदि किसी नंबर से पहले से आधार लिंक है तो नया लिंक तभी संभव होगा जब पुराना नंबर हटाया जाए। यह नियम डिजिटल धोखाधड़ी और OTP मिसयूज़ को रोकने के लिए बेहद जरूरी है।
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बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक फीचर को अपनाना जरूरी
UIDAI ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने आधार कार्ड से जुड़े बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आईरिस) को लॉक कर दें ताकि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति द्वारा उसका दुरुपयोग न किया जा सके। अब यह सुविधा केवल सुझाव नहीं बल्कि सुरक्षा के लिहाज़ से अपनाना आवश्यक हो गई है। यूज़र आधार पोर्टल या mAadhaar ऐप की मदद से अपने बायोमेट्रिक्स को लॉक और अनलॉक कर सकते हैं। जब भी कोई सेवा उपयोग करनी हो तो आप अनलॉक कर सकते हैं और उसके बाद वापस लॉक कर सकते हैं। इससे आपके आधार की सुरक्षा बढ़ जाती है और आपकी जानकारी सुरक्षित रहती है।
e-KYC के लिए अब OTP और फेस ऑथेंटिकेशन जरूरी
पहले आधार आधारित e-KYC प्रक्रिया केवल OTP या बायोमेट्रिक्स से पूरी हो जाती थी लेकिन अब UIDAI ने फेस ऑथेंटिकेशन को भी शामिल कर दिया है। यानी अब डिजिटल पहचान के लिए आपके मोबाइल पर OTP आने के साथ-साथ कैमरा के माध्यम से चेहरा पहचान भी जरूरी होगा। यह नया नियम e-KYC की प्रक्रिया को और अधिक मजबूत व विश्वसनीय बनाता है ताकि किसी और के आधार से गलत तरीके से पहचान का दुरुपयोग न हो सके। यह नियम खासकर बैंकिंग, सिम कार्ड खरीद और सरकारी योजनाओं की पात्रता के लिए जरूरी है।
आधार से जुड़े लाभार्थियों के लिए नई चेतावनी
UIDAI ने सभी नागरिकों को यह चेतावनी दी है कि वे अपने आधार कार्ड को किसी के साथ भी शेयर न करें। खासकर सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप या मेल पर आधार की स्कैन कॉपी भेजना अब खतरनाक हो सकता है क्योंकि धोखेबाज इसका गलत उपयोग कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति को कोई सरकारी सेवा चाहिए और उसके लिए आधार जरूरी है तो केवल मास्क्ड आधार (जिसमें केवल अंतिम 4 अंक दिखते हैं) का उपयोग करें। UIDAI ने बताया है कि बहुत से लोग धोखाधड़ी का शिकार इसलिए हो जाते हैं क्योंकि वे अपना आधार बिना सावधानी के साझा कर देते हैं।
आधार अपडेट की प्रक्रिया
अगर आपको अपना आधार अपडेट कराना है तो सबसे पहले UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर विजिट करें। पहचान, पता, जन्मतिथि या बायोमेट्रिक अपडेट के लिए संबंधित दस्तावेज ले जाना जरूरी होगा। ऑनलाइन अपडेट में आप मोबाइल नंबर, ईमेल और पता बदल सकते हैं जबकि बायोमेट्रिक्स के लिए आपको सेंटर पर ही जाना होगा। अपडेट के बाद आपको एक URN नंबर मिलता है जिससे आप स्टेटस ट्रैक कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी है और सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लागू होती है।