म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए SIP एक शानदार विकल्प है. म्यूचुअल फंड में कम्पाउंडिंग इंटरेस्ट का दुनिया का आठवां अजूबा माना गया है, जो अनुशासित और नियमित निवेशकों को उनके वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में मदद करता है। कई निवेशकों के मन में अक्सर ये सवाल उठता है कि क्या 5000 रुपए के मासिक निवेश से वो करोड़पति बन सकते हैं। इस पर MoneyTree Partners के सह-संस्थापक सिद्धार्थ शर्मा का कहना है कि दुनिया में पैसे कमाने का कोई शॉर्टकट नहीं है और न ही कोई गेट रिच क्विक का कॉन्सेप्ट है। निवेश के लिए पहला नियम है धैर्य और संयम। धैर्य और संयम के साथ जब कम्पाउंडिंग जुड़ता है, तब आपका निवेश दिन दूनी रात चौगुनी गति से भागता है।
5000 का निवेश बनाएगा करोड़पति
सिद्धार्थ शर्मा का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति अनुशासन के साथ निवेश करता है, तो निश्चित रूप से वह करोड़पति बन सकता है। शर्मा के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति हर महीने 5000 रुपए का निवेश 30 साल के लिए करता है, जिसमें हर साल उसे 15 फीसद रिटर्न मिलता है तो वह 30 साल में करोड़पति बन सकता है। अगर वह हर साल अपने निवेश को 10 फीसद बढ़ाता है तो वो इन सालों में आराम से 5 करोड़ रुपए की संपत्ति खड़ी कर सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि SIP को बिना रोके निरंतर 30 सालों तक चलाया जाए।
छोटी सिप का बड़ा कमाल
निवेश: 5000 रुपए प्रति माह, रिटर्न: अनुमानित: 12 फीसद, स्टेअप: 10 फीसद सालाना
अवधि निवेश की वैल्यू (रुपए में)
10 साल 16.34 लाख
15 साल 41.37 लाख
20 साल 93.15 लाख
25 साल 1.96 करोड़
30 साल 4.00 करोड़

निवेश से पहले रखें ध्यान
सिद्धार्थ शर्मा कहते हैं कि जब भी एक निवेशक एक निवेश की यात्रा शुरू करता है तो सबसे पहले उसको तीन चार चीजों को समझना जरूरी है। पहली चीज मार्केट्स के 10 साल के रिटर्न के ऐतिहासिक आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय बाजार सालाना 12 फीसद तक का रिटर्न देने में सक्षम हैं। अगर कोई निवेशक अपने पोर्टफोलियो से 12 से 15 फीसद तक का रिटर्न सोच रहा है, तो यह लॉजिकल है। दूसरी चीज निवेशक को यह समझना बहुत जरूरी है कि बाजार कभी एक दिशा में नहीं चलता है। बाजार की अपनी एक चाल होती है, जिसके कारण कभी वो ऊपर जाएगा तो कभी नीचे। लेकिन ये बात तय है कि अगर आप बाजार में लंबे समय तक टिकेंगे तो वो आपको कमा के जरूर देगा. तीसरी चीज है बाजार हमेशा अर्थव्यवस्था के ऊपर निर्भर होता है। उदाहरण के लिए अगर किसी देश की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, उसके जीडीपी के आंकड़े या फिर आईआईएपी के आंकड़े या सर्विस सेक्टर के आंकड़ें अच्छे नहीं आ रहे हैं, या महंगाई बहुत ज्यादा है, तो उस केस में बाजार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहेगा। ऐसे में निवेशक के पोर्टफोलियो का रिटर्न भी कम हो जाएगा. इसलिए निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि वो जो निवेश कर रहे हैं, वो अर्थव्यवस्था के विभिन्न सेक्टर्स में निवेश कर रहे हैं। आखिरी चीज है कि निवेशक को अपना रिस्क प्रोफाइल समझना बहुत जरूरी है. बाजार की गिरावट के दौरान SIP बंद करने से बचना चाहिए।
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